बेसहारा गायों के मौत के जिम्मेदार कौन है..? हररोज सडको पर कुचल रही
बेसहारा गायों के मौत के जिम्मेदार कौन है..? हररोज सडको पर कुचल रही
BY - Surendar Prajapathi
#जैतारण शहर से गुजरने वाले दो प्रमुख राष्टीय राज मार्ग संख्या 112 व 458 पर रात्रि के समय में अज्ञात वाहन चालको के द्वारा सडक पर स्वच्छद विचरण करने वाली बेसहरा गायो को कूचलकर जा रहे है,मगर न तो नगरपालिका प्रशासन इन बेसहरा गायो के संरक्षण की व्यवस्था कर पा रहा है और न ही इनके मालिक इनको सुरक्षित स्थानो पर बांध रहे हैं जिसके कारण चारा-पानी के लिए शहर के विभिन्न भागो में घुमने वाली यह बेसहरा गाये इन दिनो सडको पर रात्रि के समय इन मार्गो पर बैठने के कारण अज्ञात वाहन चालक अंधेरे के कारण अपनी चपेट में लेकर इनको कूचल कर चले जाते है। मुख्य सडको पर कई बार यह गाये तडपती हुई मिलती है तो कई बार बीच सडक पर कूचली हुई मृत पडी रहती है। लगातार गायो के इन मार्गो पर काल कवलित होने के कारण यह मार्ग जगह जगह से खून से सना पडा है। बर से लेकर पृथ्वीपुरा तथा चावण्डिया से लेकर लाम्बिया तक यह बेसहारा गाये इन मुख्य मार्ग पर रात्रि मे विचरण एवं बैठी रहतीं है,जहां वाहन चालक इनको चपेट मे ले लेते है, लेकिन सवाल यह है कि जैतारण में पिछले कई दिनो से शहरभर में स्वच्छद विचरण करने तथा लोगो के इन गायो के कारण दुघर्टनाग्रस्त होने के बावजूद न तो नगरपालिका इन बेसहरा गायो को पकडने की दिशा में कोई ध्यान दे रहा है और न ही इनके मालिक इनको अपने घर अथवा बाडो में बांध पा रहे है। हकिकत तो यह है कि कई मालिको के द्वारा तो कई दुधारू गायो का सुबह शाम दूध निकालकर इनको खुला छोड दिया जाता है तो कई जगहो पर दानदाताओ के द्वारा इनके लिए चारे की व्यवस्था नियमित करने के कारण पशु मालिक इसका फायदा उठाने के लिए अपने गौवंश को खुला छोडने के आदि होते जा रहे है। दोनो राष्टीय राज मार्गो पर आये दिन काल का ग्रास बन रही इन गायो की मौतो का यह सिलसिला न जाने कब थमेगा इसका जबाब किसी के पास नही है। जो लोग इसके जिम्मेदार है वे भी अपनी जिम्मेदारी से मुह मोड रहे है। हालाकि सडको मवेशीयो की बढती दुघर्टनाओ के रोकथाम के लिए जैतारण के गौभक्तों को अब धरातल पर आकर इन बेसहरा गायो के सीघों पर रात्रि में वाहनो की लाईटो से चमकने वाले रिप्लेक्टर लगाकर बढती दुर्घटना पर रोकथाम लगाने की उल्लेखनीय पहल करनी चाहिए, इस कार्य के लिए जैतारण न्यूज व्दारा दानदाताओं को भी प्रेरित करने मे अपना योगदान देगा, लेकिन सबसे बडा सवाल यह है की इसके लिए आगे आने वाला नहीं है..! हालांकि यह कार्य थोड़ा कठिन है लेकिन गौभक्तों को भी इस दिशा मे सोचना चाहिए। यही नहीं इस विषय मे नगरपालिका को आगे आकर पहलकर करके इन बेसहरा गायो को सुरक्षित स्थानो पर रखने की पहल करनी चाहिये।
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